ISRO XPoSat Mission 2024– साल 2023 अंतरिक्ष की दृष्टि से भारत के लिए बहुत ऐतिहासिक वर्ष रहा है। वर्ष 2019 के जख्म को न केवल इस वर्ष से भारत ने भरा है, बल्कि सूर्य पर रिसर्च की दिशा में भी भारत ने कदम बढ़ा दिए हैं।
इसी वर्ष 2023 में चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो ने देश का पहला सौर मिशन गगनयान मिशन लॉन्च किया था, जिसके 6 जनवरी तक अपने मंजिल पर पहुंचने की संभावना है।
नए साल के पहले दिन इसरो लॉन्च करने जा रहा ये खास सैटेलाइट- ISRO XPoSat Mission 2024
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) वर्ष 2024 के पहले दिन एक ऐसा खास सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है, जो अंतरिक्ष में ब्लैक होल्स, आकाशगंगा, रेडिएशन और पल्सर आदि की स्टडी करेगा। इसका नाम इसरो ने एक्स- रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) रखा है।
इसरो ने XPoSat Mission ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए लांच किया है। यह भारत का अग्रणी पोलारिमेट्री मिशन है जिसका उद्देश्य विषम परिस्थितियों में खगोलीय स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता का अध्ययन करना है. XPoSat Mission इसरो और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI), बेंगलुरु के बीच सहयोग से चल रहा मिशन है।
XPoSat Mission श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 9:10 पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी (PSLV- C58) रॉकेट से लांच किया जाएगा. इस मिशन का जीवनकाल करीब 5 साल का होगा. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर जाएगा जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा
पोलारिमेट्री मिशन लॉन्च करने वाला भारत बनेगा दूसरा देश
एक्स- रे पोलारिमीटर (XPoSat) सैटेलाइट भारत की पहली और दुनिया की दूसरी ऐसी सैटेलाइट होगी, जो आकाशगंगा, रेडिएशन, ब्लैक होल आदि की स्टडी करेगी यानी भारत दुनिया का मात्र दूसरा ऐसा देश है जिसने आकाशगंगा और ब्लैक होल आदि से संबंधित घटनाक्रम की स्टडी के लिए सैटेलाइट लॉन्च किया है।
भारत से पहले वर्ष 2021 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दुनिया का पहला पोलारिमेट्री मिशन लॉन्च किया था।
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