XPoSat Mission 2024– भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज नए वर्ष के अवसर पर एक इतिहास रचने जा रहा है. आज के बाद भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन जायेगा जिसने अपना Polarimetri Mission लांच किया है. अक्टूबर 2023 में गगनयान मिशन Aditya L1 की सफल launching के बाद यह लॉन्चिंग की जा रही है. इस मिशन का जीवनकाल लगभग 5 साल का होगा.
इसरो के पीएसएलवी-सी58 मिशन के साथ चार भारतीय स्टार्टअप भी अपने पेलोड अंतरिक्ष में भेजेंगे। ये पेलोड माइक्रोसैटेलाइट सबसिस्टम, सैटेलाइट को लक्षित ऑर्बिट में भेजने वाले थ्रस्टर्स, सैटेलाइट की रेडिएशन शील्ड कोटिंग से संबंधित हैं। ये पेलोड पीएसएलवी के ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल पर सैट किए जाएंगे, जो इन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा।
XPoSat Mission 2024- भारत का पहला Polarimetri Mission कितने बजे होगा लांच
जानकारी के मुताबिक इसरो श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से सुबह 09:10 पर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C58 के जरिये XPoSat Mission 2024 लांच किया जायेगा. एक्स-रे पोलारिमीटर satelite ब्लैक होल की रहस्मयी दुनिया का अध्ययन करेगा.
यह खगोलीय स्रोतों से एक्स रे उत्सर्जन का अध्ययन करने के लिए भेजा गया भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह है. अंतरिक्ष में इस तरह का मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का मात्र दूसरा देश है.
दुनिया का पहला Polarimetri Mission
ब्लैक होल की खोज के बाद से ही लगातार दुनिया उसके रहस्यों के बारे में जानने के लिया उत्सुक रही है. वर्ष 2021 में नासा ने ब्लैक होल जैसे खगोलीय पिंडों के रहस्यों पर अध्ययन करने लिए दुनिया का पहला Polarimetri Mission लांच किया था, जिसने दिसम्बर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करके दुनिया को जानकारी दी थी.
XPoSat Mission 2024- कौन कौन से 4 पेलोड ले जायगा PSLV-C58
इसरो PSLV-C58 के जरिये XPoSat के साथ हैदराबाद के स्टार्टअप ‘ध्रुव स्पेस’ के पेलोड LEAP-TD, हैदराबाद के ही एक अन्य स्टार्टअप TakeMe2Space का रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल, बंगलूरू के स्टार्टअप ‘बेल्लाट्रिक्स एयरोस्पेस’ के ग्रीन मोनोप्रोपेलैंट रुद्र 0.3 एचपीजीपी थ्रस्टर्स और एक हैलो कैथोड ARKA-200 को अंतरिक्ष में भेजेगा।
ध्रुव स्पेस अपने पेलोड Launching Expeditions for Aspiring Payloads – Technology Demonstrator(LEAP-TD) की मदद से XPoSat Mission के पी-30 नैनोसैटेलाइट प्लेटफॉर्म की कार्यप्रणाली को सुचारु रूप से चलाने में मदद करेगा। जबकि TakeMe2Space का रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल क्यूबसेट को ज्यादा समय तक एक्टिव रखने में मदद करेगा।