Research : भारतीय मसाले कैंसर के इलाज में हो सकते हैं लाभदायक

भारतीय मसाले

हाल ही में आईआईटी मद्रास ने कैंसर के इलाज को लेकर एक रोचक रिसर्च पेटेंट कराया है जिसमे भारतीय मसाले से कैंसर के इलाज के लिए दवाएं बनाई जा सकती है। बीते रविवार को आईआईटी मद्रास ने जानकारी दी थी कि जल्द ही इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा।

भारतीय मसाले- क्या है रिसचर्स का दावा

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) मद्रास में इंफोसिस के को फाउंडर गोपाल कृष्ण की फंडिंग से कैंसर के इलाज के लिए चल रहे रिसर्च में रिसर्चर्स ने दावा किया है कि भारतीय मसाले लंग कैंसर सेल, ब्रेस्ट कैंसर सेल, कोलन कैंसर सेल, सर्वाइकल कैंसर सेल, ओरल कैंसर सेल और थायराइड कैंसर सेल में एंटी कैंसर क्रियाएं दिखाते हैं जबकि नॉर्मल सेल में यह सेफ रहते हैं।

इसलिए यह संभावनाएं हैं कि भारतीय मसालों के जरिए कैंसर के इलाज के लिए दवाई बनाई जा सकती है। फिलहाल जानवरों पर इसकी स्टडी हो चुकी है और रिसर्चर्स अभी इसकी लागत और इसके प्रयोग से होने वाले साइड इफेक्ट पर काम कर रहे हैं।

जानवरों में ट्रायल सफल

आईआईटी मद्रास के केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर आर नागार्जुन ने इस रिसर्च के बारे में बताया है कि जानवरों पर किए गए प्रयोग में फिलहाल पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं, इसलिए अब हम मसाले से बनने वाली कैंसर के इलाज की दवाओं के क्लीनिकल ट्रायल फेज में जा रहे हैं। हालांकि हमारी लैब में इसको लेकर रिसर्च जारी रहेगी।

प्रोफेसर आर नागार्जुन ने यह भी बताया कि कैंसर की दवाई बनाने के लिए इसके मॉलेक्युलर लेवल पर स्टेबिलिटी बहुत महत्वपूर्ण होती है और हमने अपने लैब में भारतीय मसाले से जो प्रोडक्ट तैयार किया है वह कैंसर के इलाज की प्रकृति को देखते हुए स्टेबल प्रोडक्ट है।

भारत में गंभीर हो रही कैंसर से होने वाली मौत की समस्या

साल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कैंसर से लगभग एक करोड़ लोगों की मौत हो गई थी। यह आंकड़ा दुनिया भर में बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में दूसरे नंबर पर है।

भारत की बात करें तो वर्ष 2023 में केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने आईसीएमआर(ICMR) के हवाले से आंकड़े पेश करते हुए बताया था कि देश में साल दर साल कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2020 में जहां देश भर में कैंसर से लगभग 7,70,000 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2021 में बढ़कर 7,79,000 हो गया जबकि वर्ष 2022 में लगभग 8,08,000 लोग कैंसर की वजह से मृत्यु को प्राप्त हो गए।

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