राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है इतिहास और महत्त्व

राष्ट्रीय युवा दिवस

राष्ट्रीय युवा दिवस यानि युवाओं के लिए समर्पित एक बेहद खास दिन, जो हर साल 12 जनवरी को पूरे देश में जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म दिन भी पड़ता है। वास्तव में राष्ट्रीय युवा दिवस को मनाने के पीछे का कारण स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक विचार ही थे जिन्होंने देश के युवाओं के ऊपर सबसे अधिक प्रभाव डाला। इसीलिए उनके जन्मदिन पर देश में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।

स्वामी विवेकानंद युवाओं को समाज सुधार, उच्च विचार और उदार सोच के मार्गदर्शक के रूप में प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानंद का 11 सितंबर 1893 में अमेरिका में आयोजित धर्म संसद, शिकागो में दिया भाषण आज भी सबके बीच प्रसिद्ध है, जहां उन्होंने भारत और सनातन धर्म को गहराई को बताया था।

धर्म संसद के आयोजन में स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण की शुरुआत यह कहते हुए किया ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों‘. उनके यह कहते ही आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में पूरे दो मिनट तक तालियां बजती रही. इसे भारत के इतिहास में गर्व और सम्मान की घटना के तौर जाना जाता है.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस- इतिहास

जैसा कि हम जानते हैं 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म दिन पड़ता है। स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार हमेशा से युवाओं को जीवन में बेहतर करने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। न केवल देश के बल्कि विदेशों में भी स्वामी विवेकानंद के काफी संख्या में अनुयायी हैं। युवाओं में तो स्वामी विवेकानंद का प्रभाव इतना ज्यादा है कि युवा वर्ग जब भी अपने लक्ष्य से भटकने लगता है तो उसे स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायी वचनों से प्रेरित किया जाता है।

कब से हुई थी राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत

किसी भी देश के विकास में उस देश के युवाओं का अहम योगदान होता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि, युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले और जैसा मोटिवेशन युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से मिलता है, वैसा किसी अन्य से नहीं मिलता।

इसीलिए युवाओं पर स्वामी विवेकानंद के प्रभाव को देखते हुए ही भारत सरकार ने 12 जनवरी 1984 को उनके जन्मदिन पर उन्हें सम्मान देने के लिए पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर युवा दिवस मनाने की घोषणा की थी। भारत सरकार द्वारा कहा गया था कि, स्वामी विवेकानंद के दर्शन, आदर्श और काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हो सकता है. इस बार वर्ष 2024 में 40वां राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जायगा।

राष्ट्रीय युवा दिवस- महत्त्व और उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा दिवस

अपने विचारों और आदर्शों के लिए मशहूर स्वामी विवेकानंद धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य सभी के विशेषज्ञ थे। उनके प्रेरणादायी विचारो में कुछ पंक्तियाँ ऐसी हैं जो हर युवा को अन्दर से झकझोर देती हैं। जैसे “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो”

युवा दिवस का उद्देश्य जीवन में आने वाली चुनौतियों, परेशानियों को देखना, समझना और उन्हें दूर करने के प्रयास को लेकर युवाओं को प्रेरित करना भी है। राष्ट्रीय युवा दिवस, देश के बेहतर भविष्य के लिए युवाओं की सहभागिता बढ़ाने के संकल्प का अवसर है। इस दिन को युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्शों के महत्व को बढ़ावा देना है। इस दिन विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन होते हैं, रैलियां निकाली जाती हैं और व्याख्यान होते हैं

स्वामी विवेकानंद अक्सर युवाओं के बारे में कहते थे कि युवा देश के भविष्य हैं और आगे चलकर देश को संभालेंगे।

वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं। विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उन्होंने वर्तमान भारत को दृढ़ रूप से प्रभावित किया है।

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