Bharat Ratna 2024– हाल ही में भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था। उसके बाद से ही सियासी हलकों में इस बात को लेकर सियासत तेज हो गई थी। बीते शुक्रवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव और कृषि वैज्ञानिक एसएम स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई।
इन तीनों नाम की घोषणा के बाद से ही आने वाले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के चुनावी लाभ लेने का सियासी आकलन किए जाने लगा है।
Bharat Ratna 2024- उत्तर भारत के साथ साधा दक्षिण को भी
जब से भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एसएम स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है तब से ही सियासी हलकों में बातें चल रही है कि जिस प्रकार से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देखकर भाजपा ने बिहार की सियासत को साध लिया है, वैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान करके भाजपा ने पश्चिमी यूपी के किले को फतेह करने की तैयारी कर ली है।
साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एसएम स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देकर दक्षिण भारत की सियासत को भी साधने की कोशिश की है।
पश्चिम यूपी पर होगा विशेष प्रभाव
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि किसान आंदोलन से केंद्र सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा और पंजाब के किसानों ने दिल्ली में लगातार लंबे समय तक डेरा डाला था. भाजपा ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान करके पश्चिम यूपी के किले को भेदने का प्रयास किया है. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा होने के बाद उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल(रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है.
राजनैतिक विश्लेषकों में चर्चा है कि भाजपा अच्छे से जानती है कि पश्चिम यूपी का गढ़ जीतने के लिए किसानों और किसान संगठनो का साथ होना बहुत जरुरी है और इसके लिए उसे रालोद का समर्थन हासिल करना होगा. बीते दिनो से चर्चा हो रही है कि रालोद नेता जयंत चौधरी जल्द NDA में शामिल हो सकते हैं. इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि रालोद को NDA में शामिल करने के इरादे से ही प्रधानमंत्री ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की है.
अगर बदले सियासी समीकरणों के बीच जयंत चौधरी एनडीए के रथ पर सवार होते हैं, तो भाजपा न सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को साधेगी, बल्कि उत्तर भारत के अलग-अलग हिस्सों में बड़े किसान समुदायों और जाटों पर अपना मजबूत दावा कर सकेगी. इसी तरह एसएम स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा से भी भाजपा को देश के सभी हिस्सों के किसानों से सियासी लाभ मिलता नजर आ रहा है।
दक्षिण भारत में राजनैतिक विस्तार की उम्मीद
जिस तरह से आर्थिक सुधारों के लिए पीवी नरसिम्हा राव ने देश के विकास में बड़ा योगदान दिया, उसके बाद उन्हें भारत रत्न की सिफारिश भाजपा के लिए बड़ा सियासी माइलेज वाला दांव तो माना ही जा रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा अपने सियासी विस्तार के लिए पुराने सहयोगियों के साथ गठबंधन करने की कोशिश में है। ऐसे में उसे गठबंधन का लाभ और पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न की घोषणा के सियासी माइलेज का अनुमान भाजपा के लिए लगाया जा रहा है।
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