World NGO Day– हर साल 27 फरवरी को दुनिया भर में विश्व एनजीओ दिवस मनाया जाता है. यह दिन मानव और प्राणी कल्याण के लिए समाज सेवक के रूप में समाज में कार्य कर रही NGO संस्थाओं को समर्पित है. यह दिन ऐसी संस्थाओं के लिए सम्मान और समर्थन व्यक्त करने का समाज के लिए एक अवसर है.
विश्व एनजीओ दिवस एक अंतरराष्ट्रीय दिवस है जो सभी गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठनों और उनके पीछे के लोगों को पहचानने, जश्न मनाने और सम्मान देने के लिए समर्पित है जो पूरे वर्ष समाज में योगदान देते हैं।
कब हुई थी World NGO Day की शुरुआत
World NGO Day पहली बार 27 फ़रवरी 2014 को विश्व पटल पर अस्तित्व में आया था. पहली बार 2014 में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ के नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा आधिकारिक तौर पर चिह्नित किया गया। विश्व एनजीओ दिवस का वैश्विक उद्घाटन कार्यक्रम फिनलैंड के विदेश मंत्रालय द्वारा 27 फरवरी 2014 को हेलसिंकी, फिनलैंड में आयोजित किया गया था।
वर्ष 2014 में शुरुआत के बाद से अब तक World NGO Day को दुनिया भर में 89 से अधिक देशों द्वारा मान्यता मिल चुकी है.
World NGO Day 2024 की थीम
हर साल के लिए World NGO Day पर कोई न कोई थीम निर्धारित की जाती है. इस वर्ष 2024 के लिए विश्व एनजीओ दिवस की थीम “एक सतत भविष्य का निर्माण: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में एनजीओ की भूमिका” निर्धारित की गई है. यह विषय वैश्विक चुनौतियों से निपटने और टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम करने में गैर सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
World NGO Day 2024 के लिए निर्धारित यह थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि गैर सरकारी संगठन संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में कैसे योगदान दे रहे हैं ।
NGO क्या है
कोई भी एनजीओ या नॉन गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन, यह एक गैर सरकारी संगठन होता है. यह सरकार का नहीं होता, फिर भी संविधान के दायरे में रहते हुए देश और समाज हित में सरकार के विभिन्न बिंदुओं पर कार्य करते हुए अपना योगदान देती है. कोई भी एनजीओ 3 प्रकार के अधिनियमों के तहत पंजीकृत होता है. एक राज्य पंजीकरण, दूसरा कंपनी एक्ट के तहत पंजीकरण और तीसरा ट्रस्ट एक्ट के तहत रजिट्रेशन कराया जाता है.
सामान्य तौर पर लोग सोचते हैं कि एनजीओ केवल आध्यात्मिक, धार्मिक या आपदा प्रबंधन के समय ही काम करता है, लेकिन ऐसा नहीं है. संविधान के नियम के तहत समाज के विकास के लिये जो काम अवैधानिक नहीं है, वो सभी काम एनजीओ कर सकता है. हमारे देश में आजादी के बाद एनजीओ ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय काम किया है. भारत के विकास में इनका बड़ा योगदान रहा है.
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