G20 शिखर सम्मेलन 2023: नई दिल्ली में 18वां G20 शिखर सम्मेलन पूरे वर्ष मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और नागरिक समाजों के बीच आयोजित सभी G20 प्रक्रियाओं और बैठकों का समापन होगा। यह सम्मलेन नई दिल्ली में 9 और 10 Sep को दिल्ली के प्रगति मैदान में निर्मित भारत मंडपम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है। G20 के 24 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत G20 जैसे बड़े सम्मलेन की मेजबानी कर रहा है।
G20 शिखर सम्मेलन के समापन पर G20 नेताओं के संयुक्त बयान जारी करने की उम्मीद की जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए G20 के लगभग सभी सदस्य देशों के प्रमुख भारत आ चुके हैं, जबकि रूस की तरफ से विदेश मंत्री और चीन के ओर से प्रधानमंत्री शामिल होंगे। रूस और चीन के राष्ट्रपति अपने निजी कारणों से सम्मलेन में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीँ स्पेन के राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित होने के कारण सम्मलेन में नहीं आ पाएंगे।
G20 शिखर सम्मेलन 2023 की थीम और लोगो
G20 शिखर सम्मेलन का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी के साथ दिखाया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास और जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो दर्शाता है कि भारत अपने विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। G20 के लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में “भारत” भी लिखा गया है।
इस बार G20 की थीम – “वसुधैव कुटुम्बकम” या “एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य” (One Earth, One Family, One Future) रखी गयी है जिसे भारत ने महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया है। यह विषय प्रकृति के सभी घटकों – मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव – और पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है।
यह थीम व्यक्तिगत जीवन शैली और राष्ट्रीय विकास दोनों स्तरों पर पर्यावरण की दृष्टि से उपयुक्त और जिम्मेदार कारकों पर भी प्रकाश डालता है, जिससे वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी कार्यों के परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरे-भरे और उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है।
G20 क्या है
G20 शिखर सम्मेलन दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की वार्षिक बैठक है। इसकी स्थापना 1999 में आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक, आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच के रूप में की गई थी।
2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राष्ट्राध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु प्रमुख मंच” के रूप में नामित किया गया था।
G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है। G-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी कहा जाता है, इस समूह के 19 देश सदस्य हैं, ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है। यह समूह दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों का एक संगठन है।
G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन साल में एक बार होता है, हालांकि 2008 से शुरुआत के बाद 2009 और 2010 साल में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन दो-दो बार किया गया था। इस सम्मेलन में ग्रुप के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा कुछ अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठकर कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
शुरुआत में G-20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था, परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
अब तक G20 की 17 वार्षिक बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। G20 2022 का शिखर सम्मलेन इंडोनेशिया में हुआ था। इस समय 18वां G20 शिखर सम्मेलन 8-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में भारत मंडपम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-कन्वेंशन सेंटर (IECC) में आयोजित किया जाएगा। यह भारत द्वारा आयोजित होने वाला पहला G20 शिखर सम्मेलन होगा।
शिखर सम्मेलन का विषय वसुधैव कुटुम्बकम् (संस्कृत: वसुधैव कुटुम्बकम्) है, जिसका अर्थ है “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” शिखर सम्मेलन की एजेंडा प्राथमिकताओं में शामिल हैं.
G20 के सदस्य देश
G20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, UK, USA और यूरोपीय(EU) यूनियन शामिल हैं। G20 सदस्य देशों में वैश्विक GDP का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी शामिल है।
G20 शिखर सम्मेलन 2023 से दुनिया की अपेक्षाएं
नई दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन में G20 सदस्यों के नेताओं के साथ-साथ अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के आमंत्रित अतिथि भी भाग लेंगे। G20 की अध्यक्षता कर रहे भारत ने बांग्लादेश, मिस्त्र, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और UAE को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया है। इसके अलावा नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों UN, IMF, WB, WHO, WTO, ILO, FSB और OECD और ASEAN क्षेत्रीय संगठनों के अतिरिक्त ISA, CDRI और ADB को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।
उम्मीद है कि शिखर सम्मेलन में आज दुनिया के सामने आने वाली कुछ प्रमुख चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, जैसे कि Covid -19 महामारी और इसके प्रभावों से निपटना, जलवायु परिवर्तन और इसका शमन, वैश्विक व्यापार और निवेश, डिजिटल परिवर्तन और नवाचार, ऋण स्थिरता और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार। इसके अलावा इस सम्मलेन में वैश्विक नेताओं से रूस-युक्रेन युद्ध के मुद्दे पर संयुक्त बयान जारी करने की उम्मीद की जा रही है।
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